मेरे पास ठीक-ठाक नवजागरणकालीन सामग्री है।
सोचा, इन सामग्रियों पर, मन में जो विचार आते हैं, उसे क्यों न अपना 'ब्लॉग' क्रिएट कर थोड़ा-बहुत लिखा जाए !
और कुछ रोचक सामग्री भी प्रस्तुत किया जाए !
ब्लॉग तो बहुत ही आसानी से बन गया परन्तु इसके बैकग्राउण्ड आदि को सजा नहीं पा रहा हूँ। उम्मीद है, इसे भी सीख लूँगा।
ब्लॉग का नाम हमने 'हिंदी नवजागरण' रखा है।
दस साल पहले इसे क्रिएट किया था। कोरोना काल में इसे फिर ज़िंदा कर रहा हूँ।
अभी व्यस्त हूँ। जल्दी ही कुछ नया लेकर आता हूँ।
इंतज़ार करें।
भवदीय -
सुजीत कुमार सिंह
15 अप्रैल 2020
बहुत बढ़िया, बधाई
ReplyDeleteक्या बंगाल के जागरण का भारतेंदु पर प्रभाव था? कृपया बताएँ
ReplyDeleteबिलकुल था.
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